सोमवार, 6 सितंबर 2010

दोस्ती की कीमत पर चीन से रिश्ते

भारत से बरसों पुरानी दोस्ती की कीमत पर चीन से रिश्ते मजबूत करने में लगे नेपाल ने भारत को ताजा झटका दिया है। ऐसे समय में जब भारत सरकार नेपाल और चीन की बढ़ती करीबी और चीन की भारत विरोधी हरकतों से चिंतित है, नेपाल की विदेश मंत्री सुजाता कोइराला ने कहा है कि चीन के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का दौरा नेपाल के लिए सम्मान की बात है। चीन के उपराष्ट्रपति हुई लियानग्यु के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल 9 सितंबर से एक हफ्ते के लिए नेपाल की यात्रा पर आएगा।
सुजाता का यह बयान ऐसे समय आया है जब मीडिया में एक चीनी गुप्तचर और नेपाल के माओवादी नेता के बीच सांसदों की खरीद-फरोख्त से संबंधित बातचीत का टेप मीडिया के जरिए सार्वजनिक हुआ है। इस टेप के मुताबिक माओवादी नेता प्रचंड के एक सहयोगी चीनी गुप्तचर को बता रहे हैं कि उन्हें सरकार बनवाने के लिए 50 सांसद चाहिए, जिन्हें खरीदने के लिए 5 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। हालांकि माओवादी नेता महारा ने इस टेप को फर्जी बताया है। भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है।
नेपाल में भारत की दोस्त के तौर पर मशहूर सुजाता के भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से रिश्ते अब छुपी बात नहीं माने जाते हैं। नेपाल मीडिया में इस बाबत चल रही ख़बरों के मुताबिक सुजाता ने कहा है कि गरीबी और राजनैतिक अस्थिरता की मार झेल रहे देश (नेपाल) के लिए यह गर्व की बात है कि चीनी प्रतिनिधिमंडल यहां के दौरे पर आ रहा है। बीजिंग में चल रहे एक्सपो से लौटने से पहले सुजाता ने यह बात कही।
नेपाली मीडिया में नेपाल में भारत के उच्चायुक्त राकेश सूद और हारे हुए नेपाली प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल, जो फिलहाल कामचलाऊ सरकार चला रहे हैं, के बीच रविवार को हुई चर्चा भी विस्तार से छापी गई है। पूरा कवरेज काफी आलोचनात्मक तरीके से दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जिस दिन नया प्रधानमंत्री चुनने की कवायद चल रही थी, उसी दिन सूद की नेपाल से मुलाकात का औचित्य समझ में नहीं आता। खबरों के अनुसार, जब नेपाल की हार सुनिश्चित हो गई थी, तब सूद ने काफी प्रसन्न मुद्रा में उनसे पूछा कि क्या कारण है कि अभी तक नेपाल की पार्टियां प्रधानमंत्री पद के लिए किसी एक नाम पर सहमति नहीं बना सकी हैं।
नेपाल में बढ़ती चीन विरोधी गतिविधियों के बीच बीजिंग ने निगरानी व्यवस्था पुख्ता करने के लिए काठमांडू को 295006 डॉलर मूल्य के सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए हैं। नेपाल की यात्रा पर आए चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मामलों के उप मंत्री चेन झिमिन ने ये उपकरण नेपाल को सौंपे।
चेन के साथ 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी आया हुआ है। इस बीच, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि चीनी मंत्री ने नेपाल के गृह मंत्री भीम रावल के साथ मुलाकात कर द्विपक्षीय एवं सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर चर्चा की। मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते को मजबूत करने के उपाय तलाशना है।
बयान में कहा गया है कि बैठक में गृह सचिव गोविंद कुसुम तथा गृह एवं विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। नेपाल में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे तिब्बतियों के चीन विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए हाल के सालों में चीन ने काठमांडू में अपनी दिलचस्पी बढ़ा दी है। बताया जाता है कि नेपाल ने चीन की ‘एक चीन ’ की नीति का समर्थन करते हुए कहा है कि वह अपने देश से उसके खिलाफ कोई गतिविधि नहीं होने देगा।

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